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तूफान की तबाही मानसून स्पेशल प्रतियोगिता हेतु रचना भाग 01 लेखनी कहानी -10-Jul-2022

              "रुदाली  अपने पापा को फौन लगाकर पूछ कि वह आफिस से निकले है अथवा नही? यदि नही निकले तो उनसे कहना कि वह आज जल्दी निकलने की कोशिश करें क्यौकि आज टीवी पर मौसम विभाग वालौ ने भविष्यवाणी। की है कि  पूरे उत्तरी भारत में तेज तूफान के साथ ओले पड़ने का समाचार दिया है। ", रुदाली की मम्मी ने उससे पूछा।


       "हाँ जी  मम्मी अभी पता करके आपको बताती हूँ।" रुदाली अपनी माँ वैशाली को जबाब देते हुए बोली।

      कुछ ही देर में रुदाली ने अपने पापा का नम्बर लगाया तब उधर से फौन  बन्द हौने की आवाज आ रही थी।

     रुदाली ने अपने पापा का नम्बर दो तीन बार ट्राई किया परन्तु हर बार वह फौन नम्बर स्विच आफ हु आरहा था।

       अपने पापा का मौबाइल बन्द सुनकर रुदाली को चिन्ता होगयी और वह सोचने के लिए मजबूर होगयी कि आज पापा का मौबाइल बन्द कैसे आ रहा है।।
        
       रुदाली ने आफिस के उनके किसी दोस्त का नम्बर लगा कर देखा तब वह नम्बर भी बन्द ही आरहा था। रुदाली ने एक एक करके दो तीन नम्बर लगाने की कोशिश की परन्तु सभी नम्बर बन्द दिखा रहे थे।

     रुदाली ने अपनी मम्मी को बताया कि मम्मी पापा के नम्बर के साथ उनके आफिस के उनके सभी दोस्तौ के नम्बर भी बन्द आरहे है।

         अब उनकी चिन्ता बढ़ना स्वाभाविक था ।अब  रुदाली की मम्मी ने आफिस का लैन्ड लाइन नम्बर लगाने को बोला।  यह नम्बर  बास  के  आफिस में था इसलिए इसे इमर्जैन्सी में ही लगाते थे। अब उनके पास और कोई आप्सन नही बचा था। इसलिए इस नम्बर पर ट्राई करने को कहा।

     उस नम्बर पर रिंग  जारहीं थी।   रिंग बजती रही परन्तु किसीने नहीं उठाया। जब पुनः डायल किया गया तब किसी ने फौन उठाया और उधर से हेल्लो की  आवाज आई।  और पूछा आपको किससे बात करनी है?

  रुदाली ने जबाब दिया ," मुझे अपने पापा श्री आनन्द रस्तोगी से बात करनी थी। क्यौकि उनका मौबाइल बन्द आरहा है। "

                     " मैडम इस समय यहाँ किसीसे बात नहीं हो सकती है क्यौकि यहाँ इन्कम टैक्स की ओर से चैकिंग चल रही है। जब तक यह पूरी नहीं होजाती है तबतक यहाँ का कर्मचारी किसी से बात नहीं कर सकता है और न यहाँ से कोई बाहर जा सकता है। " इतना कहकर उसने फौन काट दिया।

       रुदाली ने यह सब बात अपनी मम्मी को बतादी। यह हब सुनकर रुदाली की मम्मी बहुत परेशान होगयी। क्यौ कि उनके घर में भी उनके आफिस का कुछ रिकार्ड रखा हुआ था। अब वह उसका क्रा करै। कही जा भी नहीं सकती है क्यौकि मौसमं बहुत खराब होताजा रहा था। तूफान के साथ हल्की हल्की हल्की बूँदा  बाँदी भी शुरू होचुकी थी।


    उनके घर की पीछे की साइड एक बगीचा था उसकी मम्मी ने बिना सोचै समझे  उस बगीचे में गड्ढा खोदकर एक पोलोथिन में रखकर दबा दिया ओर ऊपर से मिट्टी डालदी।  बरसात शुरू होचुकी थी इस लिए वह जगह अब पहचानने में नही आरही थी कि यहाँ पर कुछ समय पहले कुछ खोदा गया है।

     और वह अपने घर में आराम से बैठ गये। कुछ समय बाद उनके घर की डोर बैल बजी। रुदाली ने जाकर दरवाजा खोला तब कुछ अजनवी लोग खडे़ दिखाई दिये।  तब रुदाली ने उनसे पूछा ,"आप कौन है और किससे मिलना है?"

    उनमें से एक बोला," हम इन्कम  टैक्स  डिपार्टमैन्ट से आये है हमें आपके घर की तलाशी लेनी है। "

 रुदाली ने पूछा," क्या आपके पास कोई सर्च बारंट है  ? हमे किस तरह भरोसा होगा कि आप इन्कम टेक्स डिपार्ट मैन्ट से ही आये है।?" उनमें से दूसरे ब्यक्ति ने सर्च बारन्ट व  अपना आई कार्ड उसको दिखाया।

    अब उन लोगौ ने उनके घर की छानबीन  करना शूरू करदी परन्तु उनके हाथ कोई कागज हाथ नहीं लगा क्यौ कि रुदाली की मम्मी ने रिकार्ड को पहले ही छिपा दिया था। आज रुदाली की मम्मी की चालाकी से बचाव होगया। यदि वह समय पर  फौन न करती तब यह सब पकडा़ जाता और उनके पति को भी परेशानी आ सकती थी।

      परन्तु  आज बहुत बडी़ मुसीबत आने से बच गयी। मौसम  अधिक खराब होरहा था रुदाली की मम्मी को अपने पति के आने की चिन्ता होरही थी। परन्तु अब वह कुछ करभी नही सकती थी।  

        नोट:-  आगे की कहानी भाग 2 में पढि़ये।

मानसून स्पेशल प्रतियोगिता हेतु रचना भाग १

 भाग १
नरेश शर्मा " पचौरी "

19/07/2022


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7 Comments

Mohammed urooj khan

30-Jul-2022 02:09 PM

Nice

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shweta soni

25-Jul-2022 08:54 PM

Nice 👍

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Abhinav ji

23-Jul-2022 08:08 AM

Very nice👍

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